Press Briefing on GST in AICC (Hindi) – 19-Feb-2019

ALL INDIA CONGRESS COMMITTEE

24, AKBAR ROAD, NEW DELHI

COMMUNICATION DEPARTMENT

Dr. Abhishek Manu Singhvi, MP and Sr. Spokesperson AICC addressed the media At AICC Hdqrs. today.

Dr. Abhishek Manu Singhvi said the GST issue reflects the double speak, the duplicity and the dishonesty of the Prime Minister and Finance Minister. It shows that those who love acronyms like grand stupid thought, GST, are now being made to look stupid. Why do I say that? आपको याद है कि जबसे ये सरकार जीएसटी के इस विकृत तौर-तरीके को कार्यांवित करने का प्रयत्न कर रही है, तब से श्री राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी 100 बार बोल चुके हैं कि ये ‘वन नेशन वन टैक्स’ नहीं है, ये एक देश और सात टैक्सिस हैं (One Nation Seven Taxes) और इस बिंदु को आपके सामने बताने का मुख्य उद्देश्य ये था, कि जहाँ टैक्स रेट 12 से लेकर, 18 से लेकर, 28 से लेकर, 40 प्रतिशत हो और मैं छोटे वालों की बात नहीं कर रहा हूं, 3,5,7,8 रेटस हैं। कम से कम इसमें एक सीमा होनी चाहिए 18 प्रतिशत की, हमने वैसे कहा था 15, साढ़े 15 प्रतिशत, लेकिन ज्यादा से ज्यादा 18 प्रतिशत।

ये हमारा एक मूल मुद्दा था। आपको याद होगा 2014 से उसका मजाक उड़ाया गया और आज साढ़े चार साल बाद, जब चुनाव के 100 दिन बचे हैं, जब आपको मुँह की खानी पड़ी है, तीन प्रदेशों में बुरी तरह से हताश होकर और बाकी दो में आपका नगण्य स्थान है, तब आप ये जुमलाबाजी कसते हैं और प्रधानमंत्री एक हिंट देते हैं, अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है, एक हिंट दिया है प्रधानमंत्री जी ने कि हम चाहेंगे कि अब 99 प्रतिशत से ज्यादा आईटम पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत या उससे कम होगी। ये मूल वही बात है, जिसकी हमने बार-बार मांग की थी। आपने उसका इतना मजाक उड़ाया, इतना मिथ्या प्रचार किया, आपके अपने खुद के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 15, साढ़े 15 प्रतिशत की सीमा बाध्य की थी। आपको याद होगा कि श्री अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा था कि सबसे अच्छा न्यूट्रल रेट, जिसे कहते हैं, ना मेरिट,  ना डिमेरिट रेट, न्यूट्रल रेट, रिवेन्यू न्यूट्रल रेट कहा जाता है उसको, वो 15, साढ़े 15 प्रतिशत होगी। हमने कहा चलो बहुत ही खींचना है तो 18 प्रतिशत तक कर लो आप, सीमा तय कर लीजिए। आपने खुद ही हमें विपक्ष मान कर, मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुझाव को आपने नकारा और आज चुनाव के सामने आप सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए वही बात कर रहे हैं।

मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं कि ये आडंबर जो है, ये जो हिपोक्रेसी है, ये जो दोगुली आवाज है, ये जो बेशर्मी के साथ झूठ बोलने की प्रक्रिया है, उसके कुछ उदाहरण देना चाहता हूं।

पहला, जुलाई 1, 2018 में माननीय वित्त मंत्री ने कहा, “Rahul Gandhi has been advocating a single slab of GST for India. It is a flawed idea”. This is Mr. Jaitley. “A single slab GST can function only in those countries where the entire population has a similar and a higher level of paying capacity. Being fascinated by Singapore model is understandable but the population profile of a State like Singapore and India is very different”. उनका कोटेशन और आगे चलता है, मैं माननीय वित्त मंत्री जी से बड़ी विनम्रता से हाथ जोड़कर पूछना चाहता हूं कि अब अचानक चुनाव के 100 दिन पहले क्या हम सिंगापुर बन गए हैं, हम क्या सिंगापुर में परिवर्तित हो गए है? ऐसा क्या हुआ इन पिछले 5 महीने में? आपने कहा था जुलाई 1, 2018 को, 5 महीने में क्या चुनाव के परिणाम ने आपको बदल दिया या भारत सिंगापुर में बदल गया या हमारी पूरी जनसंख्या एक समान हो गई? इन तीनों में से कौन सी चीज हुई है?

दूसरा, जैसा मैंने कहा Grand Stupid idea कहा गया, ‘Grand Stupid Thought’, ये माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुजरात के कैंपेन के दौरान 29 नवंबर, 2017 को कहा है कि ‘श्री राहुल गांधी की डिमांड जीएसटी की Grand Stupid Thought है’। आज जो माननीय प्रधानमंत्री अपने आपको आर्थिक एक्सपर्ट गिना रहे हैं, वो अपने शब्दों को खा रहे हैं या चबा रहे हैं। ‘Grand Stupid thought’ है या ये वक्तव्य उनका ‘Grand Stupid thought’ था? आज exactly वही बात कर रहे हैं, क्यों, क्योंकि चुनाव सामने आया है। भलमन साहत नहीं चाहिए थी आपको, विकृत जीएसटी को बचाने का उद्देश्य नहीं था, क्योंकि साढ़े चार साल तो निकाल दिए आपने।

तीसरा उदाहरण, जुलाई में ही इसी वर्ष श्री पीयूष गोयल ने कहा कि “Single rate demand is a ridiculous suggestion” माननीय मंत्री महोदय, आज कौन ridiculous दिख रहा है? आप सबको बरगलाना चाहते हैं, आप समझते हैं कि देश को मूर्ख बनाने का मानव अधिकार आपके पास है और आप सोचते हैं कि सबको मूर्ख बनाने का मानवाधिकार है। आज ये ridiculous सुझाव कौन दे रहा है, आपके प्रधानमंत्री ने कल कहा है कि 99 प्रतिशत से ज्यादा आइटमों पर हम 18 प्रतिशत से दर नीचे रखना चाहते हैं। मेरे पास और कई उदाहरण हैं, माननीय मोदी जी ने भी इसी वर्ष जुलाई में कहा था “Milk and Mercedes can’t be taxed at a single GST rate”. हमने कभी कहा कि Milk and Mercedes को एक ही रेट पर करो, हमारी बात विकृत कर दी और आज आप यही कह रहे हैं।

So, friends, this is a Government hypocrisy by the hypocrite, इस सरकार का उद्देश्य एक ही है- अनर्थकारी नीतियों को लाओ, जनता को सताओ, चुनाव में मार खाओ और फिर मरहम लगाने का नाटक सुनाओ। इस सरकार की सोच और प्रक्रियाएं exactly इन चार स्टेजिज के द्वारा चलती हैं। ये तुगलकी फरमान की चैंपियन सरकार है, आज महामहिम ने आदेश दिया, नहीं होगा, 40 प्रतिशत ही होगा और 28 प्रतिशत ही होगा।

मैं आपको वापस याद दिला रहा हूं, 7 टैक्स थे, actually 8 या 9 भी हो सकते हैं, लेकिन न्यूनतम 7 थे। सबसे बड़ा था 40 प्रतिशत का। आज ये तुगलकी फरमान साढ़े चार साल तक हिले नहीं, डुले नहीं, हमारा मजाक उड़ाते रहे, आज आप खुद उसी बात को कह रहे हैं।

The reality is that these four years have cost us dear. इसकी कीमत आपको और हमें नहीं, सिर्फ आम आदमी को, इस देश को चुकानी पड़ेगी। It is a very expensive ‘Tughlaki Farman’. I will give you an example of how expensive it is. AIMO is a very well known, the premier All India Manufacturers Organization (AIMO), बहुत पुराना स्थापित है, उसने जीएसटी और 2016 वाले नोटबंदी को मिलाकर सर्वे किया है And this Survey reveals that operational profits of traders have dropped by 70% since 2014. Job losses are reported at 43% in the trader segment, micro-segment reports loss of 32% job, small segment reports of 35% and medium scale about 24%. ये सिर्फ Job losses हैं जो AIMO द्वारा दर्शाई गई। इसको कई बार loosely कहा जाता है, MSME sector, मध्यम वर्ग, Small scale sector. ये है आर्थिक मैनेजमेंट और जुमले का प्रभाव या दुष्प्रभाव। आपने रात को 12 बजे संसद को खोल कर इस विकृत जीएसटी के लिए हल्ला बोल करवाया था। हर चीज आपके लिए जुमला या इवेंट होती है। हर चीज आपके लिए एक जश्न होता है, उसमें शब्द हों, जश्न हो, बाकी कुछ ना हो, कुछ फर्क नहीं पड़ता।

तो मैं ये कहूंगा कि आज आपके जाने का समय आ गया है, इस प्रकार के चुनावी लॉलीपॉप साढ़े चार, पौने पांच साल बाद बात करना, इस प्रकार की हिपोक्रेसी दिखाना, इस प्रकार की दोगुली आवाज निकालना, सब जानते हैं, जनता सब समझती है। आपने उसका एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण ट्रेलर देखा है, पूरी फिल्म भी आपके सामने निकट भविष्य में आ जाएगी।

The Press Release I will give you has the quotation making poking fun at us whenever we asked for 18%.

मोदी सरकार, तुग़लकी फ़रमानो की चैंपियन है !

अनर्थकारी नीतियाँ लाओ, जनता को सताओ,
चुनाव में मार खाओ, और फिर मरहम लगाने का नाटक सुनाओ !

मोदी जी, जागी हुई जनता अबचुनावी लॉलीपापके बहकावे में नहीं आने वाली
बोरिया बिस्तर बाँधने को हो जाइये तैयार, क्योंकि जनता अब खड़ी है सच्चाई के द्वार!

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा दिए गए बयान से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. सिंघवी ने कहा कि मैंने पब्लिकली, चुनाव के दिन ही, 11 दिसम्बर, 2018 को ही इस बात की सराहना की थी कि माननीय चौहान जी ने राजनीति में बहुत व्यापकता दिखाई और 15 वर्षों मेंअच्छा प्रदर्शन किया और ये भी कहा था बाद में की उन्होंने सौहार्द दिखाया, magnanimity दिखाई, उस दिन सबके साथ जश्न में हाथ उठाया और मैं उस बात को बरकरार रखता हूँ, लेकिन साथ-साथ ये आपको विचित्र लगता है की नहीं? जो माननीय मुख्य मंत्री पांच साल काट गए, उसके पहले दस साल काट गए, 15 साल टोटल काट गए, उन्होंने तो कुछ भी नहीं किया और आज 10 दिन के अन्दर नहीं, तीन दिन के अन्दर ही हुआ लोन वेवर या लोन माफी, तो उसके साथ-साथ वो और विभिन्न प्रकार के लोनों की माफी मांग रहे हैं, ये विचित्र नहीं लगती आपको? तो मैं समझता हूँ कि इस प्रश्न के अंदर उत्तर निहित है।

हाँ, मैं आश्वासन देना चाहता हूँ माननीय पूर्व मुख्यमंत्री को कि अभी आपने तीन दिन में देखा है, 15 साल तो बहुत बड़ा समय होता है। आप देखेंगे भविष्य में धीरे-धीरे किस प्रकार से जहाँ-जहाँ उपयुक्त होगा, जहाँ-जहाँ सही होगा, जहाँ-जहाँ संतुलित होगा, हर वो जनहित का कार्य किया जाएगा, जो आप नहीं कर पाए थे।

Sd/-

(Vineet Punia)

Secretary

Communication Deptt.

AICC

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