Highlights of Media Byte at Nirvachan Sadan

ALL INDIA CONGRESS COMMITTEE

24, AKBAR ROAD, NEW DELHI

COMMUNICATION DEPARTMENT

Dr. Abhishek Manu Singhvi addressed the media at Nirvachan Sadan, New Delhi.

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा आप देख रहे हैं, व्यापक डेलिगेशन गया, लंबी बातचीत हुई। पहला महत्वपूर्ण मुद्दा था, पश्चिम बंगाल के विषय में और जिसे विशेष बिंदु पर महत्व रखा वो ये है कि चुनाव आयोग ने बिना किसी एक न्यायिक प्रक्रिया के, सुनवाई के, बिना दोष निश्चित करे एक ब्लैंकेट, सामूहिक चुप्पी वाला समय 24 घंटे से बढ़ा दिया, यानि उन्होंने ये निर्णित नहीं किया कि ये दंगेबाजी किसने की थी, तो इसका परिणाम ये हुआ कि जो लोग दंगा करते हैं और हमारा सीधा आरोप, इन्हीं कई सारी पश्चिम बंगाल की नॉन बीजेपी, नॉन एनडीए पार्टीज का ये आरोप है कि विद्यासागर जी की मूर्ति को तोड़ना, रोड़ शो के दौरान दंगा और जितनी भी हिंसा हुई उसका सीधा आरोप, सीधी जिम्मेवारी बीजेपी के ऊपर है, तो ये बिना निर्णित किए, अगर चुनाव आयोग एक ब्लैंकिट रुप से 24 घंटे की अवधि बढ़ा देती है, चुप्पी वाले पीरियड की तो इसका परिणाम बड़ा विचित्र होता है और बहुत बड़ी विडम्बना है कि जो व्यक्ति दोषी है, उसको अपने गलत काम का फायदा मिल जाता है। जो व्यक्ति इनोसेंट है, जो अभियुक्त नहीं है, यानि सभी गैर बीजेपी पार्टियाँ उनको इसका खामियाजा उठाना पड़ता है कि उनके कैंपेन की अवधि 24 घंटे और कम हो जाती है।

हमको विस्तृत रुप से सुना चुनाव आयोग ने और हम बार-बार ये कह रहे हैं कि अगर सीधा कैमरा के आधार पर, वीडियो के आधार पर, आपकी सब रिपोर्ट्स के आधार पर ये हिंसा बीजेपी के लोगों ने की है तो उसका खामियाजा बाकी नॉन बीजेपी, नॉन एनडीए पार्टीज क्यों उठाए और इस बात का हमें पूरा संतोषजनक जवाब नहीं मिला है, चुनाव आयोग से और हम अपने सभी अधिकार क्षेत्र को जाने के अपने विकल्प रिजर्व करते हैं।

दूसरा मुद्दा था, दोस्तों 7 या 8 बहुत महत्वूर्ण हमने सेफगार्ड्स जो आश्वस्त करेंगे, जो हौसला बढ़ाएंगे, कॉन्फिडेंस बिल्डिंग उपाय हैं, ईवीएमस के विषय में, गणना के दिन की उनकी सूची वापस दोहराई, वापस याद दिलाया चुनाव आयोग को कि हमने ये 7-8 मांगे, लगभग 2-3 हफ्ते पहले की थी, उसके बावजूद चुनाव आयोग का अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है। इन 7-8 मांगों में सबसे महत्वपूर्ण है ये कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत अगर 5 गुणा बढ़ गया है, वीवीपीएटी का सैंपल चैक करने का उत्तरदायित्व, तो अगर उनमें से कई वीवीपीएटी खराब निकली या जिनका मेल नहीं हुआ ईवीएम से तो उसके बाद आप क्या एक्शन लेंगे। आपको पूरी कॉन्स्टिट्यूएंसी में वापस रिपोर्ट करवाना चाहिए, इसके लिए आपने आज तक कोई गाइडलाइन, नियम घोषणाएं ही नहीं कि है। हमने ये मांग 15 दिन पहले की थी और साथ-साथ हमने यह मांग 15 दिन पहले की थी कि कौन सी मशीन किस बूथ में गलत या फॉल्टी पाई गई है, कौन सी मशीन ट्रांस्फर कहां से कहां गई है, कौन सी मशीन किस नंबर से, यानि मशीन का नंबर रिप्लेस हुई है, बदली गई है, इत्यादि, इत्यादि ये लिखित रुप से सूचित करना चाहिए, सभी पार्टियों को नहीं तो इस अदला बदली, इस रिपेयर मेंटेनेंस इस इवीएम्स को मूव करने, स्थानांतरण करने की प्रक्रिया में बहुत सारे घपेले हो सकते हैं। ये हमारे सात बिंदु, जिनको हम सेफ गार्ड्स बोलते हैं, जिनसे कि पूरा देश आश्वस्त होगा, आज 15 दिन के  बावजूद चुनाव आयोग ने इस पर कोई जवाब हमें नहीं दिया है, कोई भी नहीं दिया है, यद्यपि आज हमें आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द जवाब देंगे।

तीसरी हमारा मुद्दा था, मुंगेर के विषय में, सीधा मुद्दा था ये कि मुंगेर में हमारे कहने पर दो पोलिंग बूथ, जहाँ की एफआईआर थी, वहाँ पर रीपोल घोषित किया गया। हमने कहा था कि 29 अप्रेल के चुनाव में गड़बड़ियाँ थी, घपले थे, उनको दो पोलिंग बूथ के विषय में मान कर उन दो पोलिंग बूथ पर पुनः चुनाव हुआ 6 मई को, लेकिन हमारी आज की कंप्लेन ये है कि इसी प्रकार से 4 और पोलिंग बूथ पर वैसे ही घपले हुए, उन्हीं प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर हुई और आपने करीब-करीब समान चीज के विषय में उन चार में पुनः पोलिंग का आदेश नहीं दिया है। इसलिए हमने मांग की है कि ये डिस्क्रिमिनेटरी है, अभी एक चरण बचा है, 19 तारीख को आप हमारी मांग मानकर वो बाकी चारों इलाकों में भी मुंगेर के 4 पोलिंग बूथ पर पुनः पोलिंग करवाई जाए।

चौथा हमारी एक बहुत विशेष याचिका थी, जो थी आंध्र प्रदेश से और मेरे आंध्र प्रदेश के कौलीग यहाँ खड़े हैं। आंध्र प्रदेश के विषय में हमने कहा कि समतल स्टैंडर्ड्स नियम लागू नहीं किए जा रहे हैं। जो आंध्र प्रदेश में हो रहा है वो पश्चिम बंगाल में उसके विपरीत कर रहा है चुनाव आयोग। जो पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग कर रहा है, उसके विपरीत कर रहा है आंध्र प्रदेश में और इसमें हमने कहा कि जहाँ पर चीफ सेक्रेटरी आंध्र प्रदेश ने एक रिपोर्ट भेजी, उसके आधार पर 34 जगह रीपोल कर दिया जबकि वहाँ पर कोई ऐसे तथ्य. नहीं थे, जबकि वहाँ पर कोई ऐसी जांच नहीं थी और जब पड़ोसी पश्चिम बंगाल में चीफ सेक्रेटरी ने लिखित रुप से कहा कि ये रीपोल आवश्यक है तो उसको स्थानांतरण कर दिया, उसको अपनी पोस्ट से हटा कर अलग जगह भेज दिया, तो ये किस प्रकार का दोगलापन है, अनुच्छेद 14 का उल्लंघन कैसे हो सकता है, एक चीफ सेक्रेटरी के गलत रूप से सुझाव को मान लेते हैं, दूसरे चीफ सेक्रेटरी का आप स्थानांतरण कर देते हैं, इसको उठाया मेरे सभी कॉलीग्स ने और ये बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।

अंतिम बात रायबरेली से संबंधित रखी। रायबरेली में एक विचित्र बात है और हमने कहा जो मैं दोहरा दूँ कि चुनाव हो गया है रायबरेली में। चुनाव था 12 तारीख को, लेकिन 12 तारीख को और 14 तारीख को जो हुआ चुनाव के बाद रायबरेली में वो ट्रेलर है हमारे अनुसार उस बात का द्योतक है, उस बात को परिलक्षित करता है कि 23 तारीख को क्या होगा, यानि वो गलत काम का ट्रेलर है पहले से 23 तारीख के गलत काम का। क्या बात है, बात ये है कि हमने नाम लिया है, वहाँ पर एसपी हैं, विनीत सिंह जी, हमने कहा है कि उनका तुरंत स्थानांतरण होना चाहिए, मिनटों, सेकंडों में। वो बेशर्मी से, खुलेआम वहाँ के बीजेपी कैंडिडेट, जो हैं श्री दिनेश सिंह,  दिनेश सिंह जी का पक्ष ले रहे हैं।

तीसरी बात, इसका प्रमाण हमें 2 दिन चुनाव के बाद मिला। चुनाव हुआ 12 तारीख को, 14 तारीख को जिला पंचायत का चुनाव था, वहाँ पर, जहाँ इसी दिनेश सिंह, बीजेपी कैंडिडेट के सगे भाई श्री अवधेश सिंह खड़े थे। जिला पंचायत के चुनाव में श्री अवधेश सिंह के विरुद्ध अविश्वास का एक रेजोल्यूशन था, उस अविश्वास रेजोल्यूशन को पेश नहीं करने दिया। इन्हीं एसपी ने, इन्हीं के दस्तों ने अवरुद्ध कराया हमारी गाड़ियों को, अवरुद्ध कराया लोगों को पहुंचने से, तो अगर उस इलाके के एसपी का व्यवहार ऐसा है, एक जिला पंचायत के चुनाव के लिए, एक नंगा पक्षपात है, बीजेपी के कैंडिडेट और उनके भाई के विषय में तो हम क्या अपेक्षा कर सकते हैं। 23 तारीख को गणना क्या ऐसे व्यक्तियों के निरीक्षण, परिक्षण में     होगी। गणना की निष्पक्षता और स्वच्छता क्या ऐसे अफसर निश्चित करेंगे, तो इसलिए इसको सैनिटाइज करना, ऐसे व्यक्तियों को हटाना, सबको एक संदेश भेजना कि वहाँ पर बिल्कुल सफाई रहेगी और समतल जमीन रहेगी अति आवश्यक है और तुरंत करना चाहिए।

Sd/-

(Vineet Punia)

Secretary

Communication Deptt.

                                                                        AICC

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